गैर के बहकावे में न आयें (ये काम हमारा है)

थर्ड डीग्री से तो गूंगा भी बोलता है, जब यू पी ए की सरकार को लगा की अबकी जनता का डंडा तगड़ा लगाने वाला है तो उन्होंने अपने हर अवसर पर मौन रहने वाले मौन मोहन सिंह को “सेट” कर उनके स्वभाव के विपरीत फिर बोलने के लिए मजबूर कर दिया.

सेटिंग में वैसे भी कोंग्रेस पुरोधा है, पहले तमाम दल “सेट” कर सरकार बनाई, फिर सेट्टिंग को खुश रखने के लिए घोटाले किये, घोटालो को सेट करने के लिए मिडिया का सहारा लिया, बाद में जनता का ध्यान सेट करने के लिए महंगाई बढ़ाया फिर जनता की ‘जान’ “सेट” करने के लिए ऍफ़ डी आई ले आया. आजकल के मजनुवो को सरकार से सेटिंग की सीख लेनी चाहिए. जब जनता जान गयी की सरकार अब जनता की “जान” सेट करने वाली है तो जनता को सेट करने के लिए सोनिया ने मनमोहन को उनके स्वभाव के विपरीत सेट कर टी वी सेट पर भेज दिया.

अपने स्वभाव के विपरीत वो बोले तो सही लेकिन अपनी मौलिक रोबोटावस्था में, अब आदमी अपने स्वभाव से कहाँ कहाँ “कोम्प्रोमाईज” करे ?? कुछ तो मौलिक होना चाहिए, माना की सोनिया जी के निर्देश से बोले, माना की उनका लिखा हुआ भी बोले, सिर्फ भाव भंगिमा ही थी जो अपनी खुद की अपनाई जा सकती थी, सो जहाँ “स्पेस” मिला मौलिकता सेट कर दी.

सरकार की गृहस्थी चलाने के लिए मनमोहन ने अब तक ममता को “सेट” कर रखा था, “मायके” से बुला “ससुराल” में रखा, लेकिन हर सेटिंग डिमान्डिंग होती हैं भाई, खर्चीली होती है, आजकल महगाई के जमाने में सेट्टिंग करना इतना आसान नहीं लेकिन सरकार ने कर दिखाया. ममता का मन मनमोहिनी सरकार से टुटा तो सरकार को भी दिक्कत नहीं हुयी, आजकल लोग कई कई सेटिंग रखते हैं भाई. ममता के बारे में पूछे जाने पर कोंग्रेस कहती है हम उनकी आज भी इज्जत करते है ,हमेशा दरवाजा खुला है, उनका अपना मुद्दा है ,”मतभेद है -मनभेद नहीं ” इस पर मुझे सुनील जी की पंक्तिया याद आती है :-

मैंने आज तक उसको,
कभी बेवफा कहा ही नहीं |
मगर वफ़ा की बात हो तो ,
उसका ज़िक्र भी अच्छा नहीं लगता |
ज़रूर उसकी बेवफायी भी
एक मज़बूरी रही होगी |
मेरे इस भरम का टूटना भी ,
मुझे कभी अच्छा नहीं लगता |(सुनील)

मनमोहिनी सरकार की वेवफाई से रूठ ममता जैसे ही वापिस “मायके” गई “मुलायम” से नैना चार हो गए. अब सरकार चलाएगी मनमोहन और मुलायम की सेटिंग, खैर आजकल तो पुरुष का पुरुष से सेट्टिंग भी मान्य है. (आजकल सब मान्य है, कोर्ट का आदेश भी तो है इस पर ) सरकार ने गृहस्थी चलाने के लिए ढूँढा भी तो मुलायम जैसा गर्लफ्रेंड जो सरे आम कहती है मै “तीसरे”को जाउंगी, जो तेरा है वो मेरा है और जो मेरा है सिर्फ मेरा है,ले���िन सरदार के सरकार का दिल है की मानता नहीं.

खैर जो भी हो प्रधानमन्त्री जी ने आज दिखा दिया की ��रकार बुजदिल नहीं की जी जला के जिम्मेदारी भी न ले. ताल ठोक के बोला की छह सिलेंडर के बाद हम “ब्लैक” करेंगे आप लोग इत्मीनान रखे, यदि नहीं रख सकते तो कोई बात नहीं, कम से कम दूसरो के बहकावे में न आयें क्योकि ये काम सिर्फ हमारा है, और हमें आप पे भरोसा और इत्मीनान है की आप सिर्फ हमारे बहकावे में आएंगे और हमारा साथ दे हाथ मजबूत कर सकेंगे, और हम आपको विश्वाश दिलाते हैं की आने वाले दिनों में विकास की गति और जादा होगी, भले वो महगाई या घोटालो का विकास हो. अभी हमने ८% की डर से घोटाले कर महगाई को विकसित किया है आने वाले दिनों में और भी उंचाइयां छूनी है, भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाना है , और वो तभी होगा जब हम भारत को किसी शक्तिशाली देश के हवाले कर देंगे. इतना सुनना ही था की माता जी की आवाज आई “बंद करो टी वी, ‘दाढ़ीजरवा’ बोल रहा है”. और मै माता जी के बहकावे में आ टी वी बंद कर दिया, आगे का भाषण आप लोगो ने सुना हो तो कृपया बताएं .

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